नमामि गंगे
नमामि दंगे।
जिनका मिशन हो
जिनका विजन हो।
देश का भला वो कैसे करेंगे।
संविधान की रक्षा कैसे करेंगे।
जुमले और झूठ के बोल
ओढ़े हैं जो भगवा खोल।
मुंह में राम और पेट में झोल
देश का भला वो कैसे करेंगे।
हत्यारों के पूजक हैं जो !
शोषकों के हैं वहीं सिपाही!
लोकतंत्र की रक्षा कैसे करेंगे।
वह कैसे करेंगे कैसे करेंगे।।
चालबाजी और चोरी !
मिलावट का काम हो जिनका!
सच्चा व्यापार करेंगे कैसे।
कैसे करेंगे कैसे करेंगे ।।
देश बेच कर देश की दौलत!
मिलकर वे गटक गटक कर ।।
सबका साथ सबका विकास
वे उपकार किसका करेंगे कैसे।
चले थे कहने चौड़ा है सीना।
छुपा के मुंह अब रहेंगे कैसे।
उन्हें मार के, बीमार करके,
भला तुम्हारा करेंगे कैसे?
कहेंगे : सबका साथ सबका विकास।
पर करेंगे उन सबको अनाथ !
नारा गढेंगे लिखेंगे स्लोगन-
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ।
नियति तो इनकी ठीक नहीं है
हिंदू हिंदू कर संहार अब ये किसका करेंगे।
लड़ाएंगे हमको मुस्लिमों से
व्यापार ये पाकिस्तान में करेंगे।
* डा लाल रत्नाकर